Hindi Department : Profile
कालिन्दी महाविद्यालय (दिल्ली विश्वविद्यालय): अकादमिक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध कालिन्दी महाविद्यालय की स्थापना सन् 1967 में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महिला शैक्षिक संस्थानों के रूप में हुई। देवनगर के एक विद्यालयीय भवन से शुरू हुआ यह महाविद्यालय आज पूर्वी पटेल नगर में 8.25 एकड़ में फैले खूबसूरत परिसर में अवस्थित है, जहाँ प्राचार्या डॉ. अनुला मौर्य व शासी निकाय के अध्यक्ष श्री दीपका मारवाह के कुशल मार्गदर्शन में महाविद्यालय निरन्तर प्रगति की सीढ़ियाँ चढ़ रहा है। महाविद्यालय द्वारा संचालित 3 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (हिन्दी, संस्कृत व राजनीति विज्ञान), 15 स्नातक पाठ्यक्रमों, 8 एड-ऑन पाठ्यक्रमों (जैसे – फ्रेंच व चीनी भाषा में डिप्लोमा, विडियो प्रोडक्शन, पर्यटन, प्रयोजनमूलक सम्प्रेषण व व्यक्तित्व विकास, ऑफिस ऑटोमेशन, फोटो पत्रकारिता, 10 सप्ताह का महिला विकास अध्ययन पाठ्यक्रम व विश्वविद्यालय अनुदान आयोजना द्वारा संस्तुत वेब डिजायनिंग व प्रिण्ट टैक्नोलोजी में बी.वोक. पाठ्यक्रम) में अध्ययनत 4289 छात्राएँ अपने-अपने विषयों के विशेषज्ञ 162 अकादमिक संकाय सदस्यों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। 95 प्रशासनिक सदस्यों की कर्मठ टीम निरन्तर महाविद्यालय की आधारभूत संरचना के सुदृढिकरण और प्रगति में निरन्तर जुटी रहती हैं। आगामी सत्र के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद् (ए.सी.) व कार्यकारी परिषद् (ई.सी.) द्वारा 4 नये स्नातक पाठ्यक्रम (बी.ए. ऑनर्स भूगोल, बी.एससी. ऑनर्स वनस्पति विज्ञान, बी.एससी. ऑनर्स रसायन विज्ञान व बी.एसी. ऑनर्स प्राणी विज्ञान पाठ्यक्रम) संस्तुत हुए हैं। महाविद्यालय वर्षभर चलने वाली शैक्षणिक, सहशैक्षणिक व अन्य शिक्षणेतर सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं में समूह-भावना, आलोचनात्मक समझ, अभिनव विचारों व रचनात्मक प्रयासों के लिए मंच प्रदान करता है और सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से आनेवाले विद्यार्थियों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
हिन्दी विभाग की स्थापना सन् 1967 में कालिन्दी महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही हुई। शुरूआत बी.ए. प्रोग्राम के हिन्दी पाठ्यक्रमों के शिक्षण से हुई। सन् 1971 में बी.ए. ऑनर्स हिन्दी पाठ्यक्रम की तो सन् 1991 में एम.ए. हिन्दी पाठ्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके अलावा हिन्दी विभाग, वाणिज्य व अन्य कला-स्नातक पाठ्यक्रमों की छात्राओं को विधिध अन्तर्रानुशासनिक पाठ्यक्रम भी पढ़ाता है। इस समय विभाग में 1 सहआचार्य व 11 सहायक आचार्य शिक्षणरत हैं। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित विभाग की ‘हिन्दी साहित्य परिषद्’ समय-समय पर विभिन्न शैक्षणिक व सहशैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन करती रहती हैं।